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हिंदू सिविलाइज़ेशन: फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स अप टू द इस्टेब्लिशमेंट ऑफ़ द मौर्य एंपायर

Author: मुखर्जी, राधा कुमुद

Keywords: इतिहास, प्राचीन, मौर्य, राजवंश

Publisher: भारतीय विद्या भवन, बॉम्बे

Description: यह एक ऐतिहासिक कार्य है जिसमें वैदिक काल से लेकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना तक के लंबे और विस्तृत इतिहास की चर्चा की गई है। व्यापक स्वरूप का यह कार्य इस समय के महत्व की स्पष्ट तस्वीर देने के लिए इस समय की ऐतिहासिक घटनाओं पर प्रकाश डालने की कोशिश करता है। यह काम कालानुक्रमिक-राज्यवंशी पद्धतियों पर आयोजित किया जाता है। इस पुस्तक में प्रारंभिक राजनीतिक ढांचों, महाजनपद, बौद्ध और जैन विचार, कला और वास्तुकला, तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर चर्चा की गई है।

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author मुखर्जी, राधा कुमुद
dc.date.accessioned 2019-03-06T12:27:49Z
dc.date.available 2019-03-06T12:27:49Z
dc.description यह एक ऐतिहासिक कार्य है जिसमें वैदिक काल से लेकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना तक के लंबे और विस्तृत इतिहास की चर्चा की गई है। व्यापक स्वरूप का यह कार्य इस समय के महत्व की स्पष्ट तस्वीर देने के लिए इस समय की ऐतिहासिक घटनाओं पर प्रकाश डालने की कोशिश करता है। यह काम कालानुक्रमिक-राज्यवंशी पद्धतियों पर आयोजित किया जाता है। इस पुस्तक में प्रारंभिक राजनीतिक ढांचों, महाजनपद, बौद्ध और जैन विचार, कला और वास्तुकला, तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर चर्चा की गई है।
dc.format.extent xi, 359 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भारतीय विद्या भवन, बॉम्बे
dc.subject इतिहास, प्राचीन, मौर्य, राजवंश
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1950
dc.identifier.accessionnumber AS-002143
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author मुखर्जी, राधा कुमुद
dc.date.accessioned 2019-03-06T12:27:49Z
dc.date.available 2019-03-06T12:27:49Z
dc.description यह एक ऐतिहासिक कार्य है जिसमें वैदिक काल से लेकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना तक के लंबे और विस्तृत इतिहास की चर्चा की गई है। व्यापक स्वरूप का यह कार्य इस समय के महत्व की स्पष्ट तस्वीर देने के लिए इस समय की ऐतिहासिक घटनाओं पर प्रकाश डालने की कोशिश करता है। यह काम कालानुक्रमिक-राज्यवंशी पद्धतियों पर आयोजित किया जाता है। इस पुस्तक में प्रारंभिक राजनीतिक ढांचों, महाजनपद, बौद्ध और जैन विचार, कला और वास्तुकला, तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों पर चर्चा की गई है।
dc.format.extent xi, 359 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भारतीय विद्या भवन, बॉम्बे
dc.subject इतिहास, प्राचीन, मौर्य, राजवंश
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1950
dc.identifier.accessionnumber AS-002143
dc.format.medium text