Keywords: मानव- विज्ञान, जनजातियाँ, मिज़ोरम, सामाजिक विकास, भारत
Publisher: जनजातीय अनुसंधान संस्थान, मिज़ोरम सरकार, आइज़ॉल
Description: मिज़ोरम के जनजातीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित, यह पुस्तक मिज़ोरम की जनजातियों पर एक शोधित लेख है। इन जनजातियों में रियांग, मारा, पैठे और पावी सम्मिलित हैं। इस विवरण के लिए सर्वेक्षण 1984 - 1985 के दौरान किया गया था। इस अध्ययन का उद्देश्य इन जनजातीय समूहों के उत्थान की दिशा में काम करते हुए मिज़ोरम के प्रशासनिक और विकास विभागों में योगदान देना था। अध्याय जनजातियों के इतिहास, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाजों, परंपराओं, स्वास्थ्य और उनके गाँव में प्रशासनिक व्यवस्थाओं का अवलोकन प्रदान करते हैं।
Source: राजकीय केंद्रीय पुस्तकालय, आइज़ॉल, मिज़ोरम
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: मिज़ोरम राज्य पुस्तकालय
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-11-15T18:02:37Z |
dc.date.available | 2019-11-15T18:02:37Z |
dc.description | मिज़ोरम के जनजातीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित, यह पुस्तक मिज़ोरम की जनजातियों पर एक शोधित लेख है। इन जनजातियों में रियांग, मारा, पैठे और पावी सम्मिलित हैं। इस विवरण के लिए सर्वेक्षण 1984 - 1985 के दौरान किया गया था। इस अध्ययन का उद्देश्य इन जनजातीय समूहों के उत्थान की दिशा में काम करते हुए मिज़ोरम के प्रशासनिक और विकास विभागों में योगदान देना था। अध्याय जनजातियों के इतिहास, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाजों, परंपराओं, स्वास्थ्य और उनके गाँव में प्रशासनिक व्यवस्थाओं का अवलोकन प्रदान करते हैं। |
dc.source | राजकीय केंद्रीय पुस्तकालय, आइज़ॉल, मिज़ोरम |
dc.format.extent | 104 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जनजातीय अनुसंधान संस्थान, मिज़ोरम सरकार, आइज़ॉल |
dc.subject | मानव- विज्ञान, जनजातियाँ, मिज़ोरम, सामाजिक विकास, भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1986 |
dc.identifier.accessionnumber | 17941 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-11-15T18:02:37Z |
dc.date.available | 2019-11-15T18:02:37Z |
dc.description | मिज़ोरम के जनजातीय अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित, यह पुस्तक मिज़ोरम की जनजातियों पर एक शोधित लेख है। इन जनजातियों में रियांग, मारा, पैठे और पावी सम्मिलित हैं। इस विवरण के लिए सर्वेक्षण 1984 - 1985 के दौरान किया गया था। इस अध्ययन का उद्देश्य इन जनजातीय समूहों के उत्थान की दिशा में काम करते हुए मिज़ोरम के प्रशासनिक और विकास विभागों में योगदान देना था। अध्याय जनजातियों के इतिहास, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाजों, परंपराओं, स्वास्थ्य और उनके गाँव में प्रशासनिक व्यवस्थाओं का अवलोकन प्रदान करते हैं। |
dc.source | राजकीय केंद्रीय पुस्तकालय, आइज़ॉल, मिज़ोरम |
dc.format.extent | 104 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जनजातीय अनुसंधान संस्थान, मिज़ोरम सरकार, आइज़ॉल |
dc.subject | मानव- विज्ञान, जनजातियाँ, मिज़ोरम, सामाजिक विकास, भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1986 |
dc.identifier.accessionnumber | 17941 |
dc.format.medium | text |