Type: तत् वाद्य
"सुरबहार लकड़ी, तूमड़ी और रेशम से बना एक तार वाद्य यंत्र है। यह एक पारंपरिक वाद्य यंत्र है जो उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है। उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोहों में शास्त्रीय संगीतकारों द्वारा एकल वाद्य यंत्र के रूप में मुख्यत: उपयोग किया जाता है।"
Material: लकड़ी, तूमड़ी, रेशम
"वीणा श्रेणी का सारिका युक्त खींचकर बजाए जाने वाला वाद्य यंत्र। इसमें एक सुंदर नक्काशीदार खूँटी धानी तथा आधी कटी हुई तूमड़ी से बना एक चौड़ा और उथला गोलाकार अनुनादक होता है और लकड़ी की तख्ती से ढका होता है। एक लंबे चौड़े अंगुलिपटल (दाँडी) पर उन्नीस सारिकाएँ उस पर रेशम के धागे से बँधी हुई होती हैं। चार मुख्य इस्पात के तार और तीन ड्रोन तार, निचले छोर पर हाथी दाँत की पिनों के साथ जुड़े होते हैं, जो कि अंगुलिपटल (दाँडी) पर फैले होते हैं और दूसरी तरफ खूँटी की धानी पर संबंधित खूँटी से बंधे होते हैं। ग्यारह इस्पात के अनुकंपी तार एक छोटे से घुड़च पर लगे होते हैं और अंगुलिपटल (दाँडी) के किनारे लगी संबंधित छोटी खूँटियों से बँधे होते हैं। उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोहों में शास्त्रीय संगीतकारों द्वारा एकल वाद्य के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।"