Type: तत् वाद्य
सारिंदा इस्पात, लकड़ी, चर्मपत्र और घोड़े के बाल से निर्मित एक तार वाद्य यंत्र है। यह जनजातीय वाद्य यंत्र असम और त्रिपुरा में पाया जाता है। मुख्य रूप से असमिया गीतों में संगत के लिए और त्रिपुरा की जनजातियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
Material: इस्पात, लकड़ी, चर्मपत्र, घोड़े के बाल
“तीन मुख्य इस्पात के बजाने वाले तारों सहित एक धनुर्वाद्य। एकल लकड़ी के कुंदे को खोखला करके बनाया गया; अनुनादक का एक तिहाई भाग चर्मपत्र से ढका हुआ है जिसे लकड़ी की कीलों से स्तिथ किया जाता है; इसे घोड़े के बाल से बने गज से बजाया जाता है। इस वाद्य यंत्र को असमिया गीतों के साथ संगत के लिए उपयोग किया जाता है।”
Material: लकड़ी, चर्मपत्र
यह तीन तार वाला एक धनुर्वाद्य है। इसमें खूँटी धानी से युक्त लकड़ी का एकीकृत ढांचा, एक छोटा अंगुलिपटल (दाँडी), तथा निचले सिरे पर चमड़े के द्वारा आंशिक रूप से ढका नाशपाती के आकार का अनुनादक होता है, तथा इसका चपटा ललाट होता है। इसके मुट्ठे में लकड़ी का नक्काशीदार पक्षी बना होता है। इसको 'त्रिपुरा' के आदिवासियों द्वारा उपयोग किया जाता है।