Type: तत् वाद्य
एसराज लकड़ी, बकरी की खाल और घोड़े के बाल से बना एक तार वाद्य यंत्र है। यह पारंपरिक वाद्य यंत्र पश्चिम बंगाल में पाया जाता है। उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोहों में इसे एकल वाद्य यंत्र के रूप में उपयोग किया जाता है। यह रबींद्र संगीत का एक लोकप्रिय संगत वाद्य यंत्र भी है।
Material: लकड़ी, बकरी की खाल, घोड़े के बाल
एक मध्यम आकार का धनुर्वाद्य। अनुनादक और खूँटी धानी सहित अंगुलिपटल (दाँडी) अलग से बनाए जाते हैं और बाद में एक साथ जोड़ दिए जाते हैं। लकड़ी से बना पूरा ढाँचा, अनुनादक बकरी की खाल से ढका होता है। चार मुख्य तार, पंद्रह सहायक तार और उन्नीस सारिकाएँ होती हैं। घोड़े के बाल के गज से बजाया जाता है। उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत समारोहों में एकल वाद्य यंत्र के रूप में उपयोग किया जाता है। रबींद्र संगीत का एक लोकप्रिय संगत वाद्य यंत्र भी है।