Type: तत् वाद्य
ढाणी सारंगी लकड़ी, आँत, इस्पात, और चर्मपत्र से बना एक तार वाद्य यंत्र है। यह पारंपरिक वाद्य यंत्र राजस्थान में पाया जाता है। मुख्य रूप से राजस्थान के 'जोगी' समुदाय द्वारा इसका उपयोग किया जाता है, और इसे घोड़े के बाल से बने गज से बजाया जाता है।
Material: लकड़ी, चर्मपत्र, आँत, इस्पात
लकड़ी के एकल टुकड़े को खोखला करके बनाया गया एक धनुर्वाद्य। चमड़े से ढकी हुई समलंब तबली, आयताकार अंगुलिपटल (दाँडी), और चौकोर खूँटी धानी। आँत के चार मुख्य तार बड़ी गोल खूँटियों से बंधे होते हैं, जबकि इस्पात के सत्रह अनुकंपी तार मुख्य भाग की बायीं दीवार पर लगी शंकाकार खूँटियों से बंधे होते हैं। घोड़े के बाल से बने गज के द्वारा इसे बजाया जाता है। राजस्थान के 'जोगी' समुदाय द्वारा उपयोग किया जाता है।