Type: सुषिर वाद्य
“वेणु धातु और बाँस से बना एक वायु वाद्य यंत्र है। यह एक लोक वाद्य यंत्र है जो प्रमुख रूप से गुजरात और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से गुजरात के गड़ेरियों और ग्वालों के द्वारा उपयोग किया जाता है।”
Material: धातु, बाँस
“इसमें धातु के एक बेलनाकार योजक से जुड़ी हुई उलटी बाँसुरियों की एक जोड़ी होती है। प्रत्येक बाँसुरी पर चार अंगुली छेद और एक संकीर्ण मुखनाल होता है। इन दोनों बाँसुरियों को एक साथ बजाने वाले एक ही छेद से बजाया जाता है। गुजरात के ग्वालों के द्वारा उपयोग किया जाता है। यह कई रंगों से रंगा हुआ होता है। यह एक रंगीन चित्रित, लोक वाद्य यंत्र है, जो बाँस की लंबी नलियों से बना होता है। इसमें तीन खंड होते हैं; दो बाँसुरियाँ और एक धातु योजक। प्रत्येक बाँसुरी पर एक मुखनाल और चार अंगुली छेद होते हैं। इसे मुखनाल से बजाया जाता है। गुजरात के गड़ेरियों और ग्वालों द्वारा उपयोग किया जाता है।”