Type: सुषिर वाद्य
“सुंदरी शीशम और लकड़ी से निर्मित एक वायु वाद्य यंत्र है। यह दुर्लभ वाद्य यंत्र महाराष्ट्र में पाया जाता है। यह द्वि कंपिका वाद्य यंत्र खासकर सोलापुर जिले के अहेरवाड़ी क्षेत्र के जाधव परिवार तक ही सीमित है।“
Material: शीशम, लकड़ी
“द्वि कंपिका वाला वायु वाद्य यंत्र। वायु नली पर सात से नौ अंगुलछिद्र होते हैं। इसे कंपिका के माध्यम से फूँका जाता है जबकि सुर को अंगुलछिद्रों से समायोजित किया जाता है। सुंदरी शहनाई का एक विस्तार है जो इसे 'शहनाई की छोटी बहन' का लोकप्रिय नाम देता है। खजूर वृक्ष की लकड़ी को इस वाद्य यंत्र को बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस वाद्य यंत्र की ध्वनि शहनाई की तुलना में अधिक सौम्य होती है। यह एक दुर्लभ वाद्य यंत्र है, जो खासकर सोलापुर जिले के अहेरवाड़ी क्षेत्र के जाधव परिवार तक ही सीमित है।"