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मंजीरा

Type: घन वाद्य

मंजीरा लकड़ी और लोहे से बना एक ठोस वाद्य यंत्र है। यह धार्मिक वाद्य यंत्र गुजरात में पाया जाता है। मुख्यतः भक्ति गायन में प्रयुक्त होता है। उत्तर भारत मे इसे करताल और खरताल के नाम से भी जाना जाता है।



गुजरात में मंजीरा

Material: लकड़ी, लोहा

लकड़ी से बना खटक (क्लैपर्स) का एक जोड़ा। लोहे की कीलों द्वारा बजने वाले वाली प्लेटों को ढीलाई से वाद्य यंत्र के ढांचे से जोड़ा जाता है। पक्षी के रूपांकनों के साथ ढाँचे को खूबसूरती से उकेरा जाता है। एक हाथ में पकड़कर, खटक को अंगूठे और चार उँगलियों के बीच में रखकर बजाया जाता। भक्ति गायन में प्रयुक्त होता है। उत्तर भारत में करतल या खरताल भी कहा जाता है।

बिहार में मंजीरा

Material: लोहा

मंजीरा झांझ की एक साधारण जोड़ी है, जो एक छल्ले के साथ जुड़ी होती है। यह हमेशा भक्ति गीतों की संगत के रूप में, धार्मिक सभाओं में बजाया जाता है, लेकिन अब इसका उपयोग लोक गीतों और नृत्यों में भी किया जाता है। मंजीरा को अब धातु की किनारियों के साथ लकड़ी से भी बनाया जा सकता है।