Type: घन वाद्य
मंदिरा, धातु से निर्मित एक ठोस वाद्य यंत्र है। यह धार्मिक वाद्य यंत्र उड़ीसा में पाया जाता है। मुख्य रूप से संगीत की भक्ति विधा में उपयोग किया जाता है।
Material: धातु
केंद्र में गहरी नुकीली उभार वाली धातु की छोटी कटोरियों की एक जोड़ी। इस वाद्य यंत्र को सामने से या किनारों से टकराकर बजाया जाता है। इसे संगीत की भक्ति विधा में उपयोग किया जाता है।
Material: धातु
मंदिरा बंगाल की लोक परंपराओं का एक अभिन्न अंग है। मंदिरा छोटी घंटी के आकार के झांझ की एक जोड़ी है, जिसका उपयोग बाउलों द्वारा किया जाता था, साथ ही कीर्तन गायन के लिए भी एक संगत है। बंगाल के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रणेता बाउल, अपने देश के गांवों की मैली गलियों से गुजरते वक़्त गीत गाया करते थे। वे अपने गीतों में एक लयबद्ध तत्व जोड़ने के लिए मंदिरा को ले आए। बंगाल में लोक संगीत की अन्य विधाओं के गायकों ने भी अपनी अदायगी के लिए, मंदिरा को एक अनिवार्य हिस्सा बना दिया है।