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गनिलौरी

Type: घन वाद्य

गनिलौरी हल्की लकड़ी से बना एक ठोस वाद्य यंत्र है। एक दुर्लभ वाद्य यंत्र, यह कुटिया कोंड की परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है और समुदाय के सभी सदस्य इसे बजा सकते हैं।



ओडिशा में गनिलौरी

Material: हल्की लकड़ी

गनिलौरी एक दुर्लभ और असाधारण संगीत वाद्य यंत्र है, जो कुटिया कोंड समुदाय का देशज वाद्य है। चूँकि यह वाद्य यंत्र समुदाय में बहुत कम बचे हैं, इसलिए वे एक बाँस के टुकड़े को छड़ी से मारकर उसी का एक तात्कालिक संस्करण बनाते हैं। प्राचीन काल में कुटिया कोंड लोगों के बीच शादी के उपहार के रूप में गनिलौरी देने की प्रथा थी, कथित रूप से समुदाय पर पड़े अभिशाप से लड़ने के लिए। गनिलौरी पहाड़ियों में पाई जाने वाली एक विशेष प्रकार की हल्की लकड़ी से बनाया जाता है। हल्की लकड़ी न केवल वाद्य यंत्र की तान संबंधित गुणवत्ता में सुधार करती है, बल्कि संगीतकार के लिए इसे अपने कंधों पर लंबे समय तक रखना आसान कर देती है। यह वाद्य यंत्र राज्य के एक और लोकप्रिय लयबद्ध वाद्य यंत्र, दसकठिया, के समान है। संगीत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है, और महिलाएँ अपने घर के काम को छोड़ देती हैं और इसकी लय पर नृत्य करने के लिए बहार निकल आती हैं। कई वाद्य यंत्र अपने सौंदर्य मूल्य को बढ़ाने के लिए चित्रकारियों और नक़्क़ाशियों से सजाए जाते हैं। गनिलौरी कुटिया कोंड की परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा है और समुदाय के सभी सदस्य इसे बजा सकते हैं।