Type: घन वाद्य
ढन कोइला लकड़ी, धातु और मिट्टी के बर्तन से बना एक ठोस वाद्य यंत्र है। यह लोक वाद्य यंत्र उड़ीसा में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से उड़ीसा के गंजम जिले में पारंपरिक कथात्मक शैलियों के साथ बजाया जाता है।
Material: मिट्टी का बर्तन, लकड़ी, धातु
इस वाद्य यंत्र में चार अलग-अलग भाग होते हैं, लोक रूपांकनों के साथ चित्रित किया गया मिट्टी का एक गोल बर्तन, एक सूप, एक गज, और दोनों सिरों पर बजने वाली घंटियों से युक्त एक लकड़ी की डंडी। यह एक समग्र वाद्य यंत्र है, जो सरल ड्रोन और लयबद्ध तेज प्रभाव उत्पन्न करने में सक्षम है। बर्तन का बड़ा मुँह एक उल्टे थाल से ढका जाता है। गज का एक सिरा थाल से मजबूती से जुड़ा होता है, जबकि दूसरा सिरा वादक के दाहिने हाथ या पैर के नीचे दबाया जाता है। तार को दाहिने हाथ से खींचा जाता है। कभी-कभी छड़ को गज के मेहराब के दांतों पर रगड़ा जाता है। मिट्टी का बर्तन एक अनुनादक के रूप में कार्य करता है। उड़ीसा के गंजम जिले में पारंपरिक कथात्मक शैलियों में इसे बजाया जाता है।