Domain:प्रदर्शन कला
State: महाराष्ट्र
Description:
यह वीडियो महाराष्ट्र की नाटकीय कथा विधा, गोंधल, का प्रस्तुतिकरण है। रेणुका और भवानी जैसी देवियों को समर्पित, एक रिवाज़ के रूप में गोंधल पौराणिक कथाओं और लोक दंतकथाओं का नाटकीय विवरण है। देवीयों के समक्ष नाचने और गाने की प्रथा गोंधली समुदाय द्वारा संपन्न की जाती है। गोंधलियों को शुभ अवसरों जैसे विवाह, जनेऊ संस्कारों एवं महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों पर आमंत्रित किया जाता है। एक गोंधल मंडली में चार-पांच लोग होते हैं और मुख्य गायक-कथावाचक को नायक कहा जाता है। उनका सहायक जो विदूषक का कार्य करता है , कथावाचन को, हास्यास्पद प्रश्न पूछकर, जीवंत बना देता है। बाक़ी गोंधली संगीत वाद्ययंत्रों जैसे मंजीरे और एक तार वाली इकतारी बजाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि गोंधल नृत्य विधा की रचना योद्धा-ऋषि परशुराम द्वारा की गयी थी। इस नृत्य में ऊर्जावान गतियाँ हैं और नर्तक आकर्षक परिधान और आभूषणों से सुसज्जित होते हैं।