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बंगाल का ढेंकीर गान

Domain:प्रदर्शन कला

State: पश्चिम बंगाल

Description:

“इस वीडियो में बंगाल के ढेंकीर गान की प्रस्तुति है। बंगाल में, लगभग सभी समुदायों में, श्रम गीतों की परंपरा है। ढेंकीर गान श्रम गीतों की एक विधि है जिसका संबंध धान की भूसी निकालने के काम से है। ये गीत शादियों के गीत के समान हैं क्योंकि इनकी उत्पत्ति एक ही जगह से हुई है। शादी और धान की भूसी निकालने के काम का आपस में जुड़ाव शादियों में चावल को उसकी भूसी निकाल देने के बाद उपयोग करने के चलन के कारण हुआ है। इन गानों का नाम ही भगवानों के संदेशवाहक नारद पर पड़ा है, जिन्हें ढेंकी कहा जाता है। उन्हें विवाह समारोह देखने और विवाह का न्योता देवकुल तक पहुँचने के लिए आमंत्रित किया जाता है। ढेंकीर गान पारंपरिक रूप से पौष संक्रांति के त्यौहार पर भी गाया जाता है जब चावल से पीठा (चावल का केक) बनाया जाता है। ये गाने अब विलुप्त होते जा रहे हैं, क्योंकि, एक, नई पीढ़ी इन्हें सीखने में रूचि नहीं लेती है, और दूसरा, मशीनों ने अब पारंपरिक कार्यों की प्रक्रिया की जगह ले ली है।