पुदीना: एक पत्ते में क़ैद ताज़गी
लोकप्रिय रूप से एक शरीर शीतलक के रूप में जाना जाने वाला, पुदीना, मेंथा पौधा परिवार के लिए एक प्रजातिगत शब्द है। वास्तव में, यह अपना नाम मिंथ नामक एक यूनानी पौराणिक पात्र से लेता है। पुदीने के पौधे की उत्पत्ति के पीछे एक बहुत ही रोचक किंवदंती है। यूनानी पौराणिक कथाओं से हमें पता चलता है कि रानी पर्सिफ़ोनी के पति हेड्स की मिंथ नामक महिला से मित्रता थी और इसी कारण से रानी मिंथ से बहुत ईर्ष्या करती थीं। एक दिन उन्होंने मिंथ का सामना किया और पूरी ताकत से उनपर कदम रखा। हमले के दौरान मिंथ पुदीने के पौधे में रूपांतरित हो गई। हर बार पर्सिफ़ोनी उस पर कदम रखतीं, तो वह एक आनंदमय सुगंध उत्पन्न करती थी! यूनानियों को पुदीने की उत्पत्ति की व्याख्या करते समय इस कहानी का वर्णन करना बेहद पसंद है। वास्तव में, प्राचीन समय में, यूनानी और रोमन लोग अपने मेहमानों के आने से पहले अपनी मेज़ पर पुदीना घिसवाते थे।
किस्में
मिंट शब्द के अंतर्गत कई प्रकार की किस्में आती हैं - पिपरमिंट, स्पीयरमिंट, एप्पल मिंट, ऑरेंज मिंट और लगभग 15 अन्य किस्में। स्पीयरमिंट (पहाड़ी पुदीना) को उद्यान पुदीना या सामान्य पुदीना के नाम से भी जाना जाता है। मानव जाति को ज्ञात सबसे पुरानी जड़ी बूटियों में से एक, मिंट को हिंदी में पुदीना कहा जाता है। गर्मी को मात देने वाले पुदीना के बिना भारत में कोई ग्रीष्मकाल नहीं होता है! पिपरमिंट और स्पीयरमिंट (पहाड़ी पुदीना), पुदीना सत्त के अभिन्न अंग हैं। स्पीयरमिंट (पहाड़ी पुदीना) एक चटपटे स्वाद के लिए चुना जाता है, लेकिन जब चॉकलेट और नींबू जैसे खट्टे स्वाद की बात आती है तो पिपरमिंट पसंद किया जाता है।

पिपरमिंट

पिपरमिंट

स्पीयरमिंट (पहाड़ी पुदीना)
कृषि और पैदावार
पुदीना ठंडे और नम क्षेत्रों में उगता है जहाँ छाया होती है। इसकी बहुत तेज़ी से बढ़ता है- लगभग एक महीने में 4 इंच। इसकी ऊँचाई से अधिक इसका फैलाव ध्यान देने योग्य है। प्रकंद मुख्य पौधे से दूर फैल जाते हैं और इस प्रक्रिया में नए पौधे उगते जाते हैं। यह छह महीने में लगभग 2 फीट तक फैल सकता है। प्रारंभ में, एक छोटे बर्तन में नम मिट्टी सहित कुछ कलमें ही काफी होती हैं। लगभग एक हफ़्ते में इसमें जड़ आने लगेगी। जैसे यह बढ़ता है और फैलता है, इसे बड़े बर्तन में या ज़मीन पर स्थानांतरित करना पड़ता है।
दूसरी ओर, पिपरमिंट इतनी तेजी से नहीं बढ़ता है। इसके विकास और फैलाव की प्रक्रिया स्पीयरमिंट (पहाड़ी पुदीने) के समान है। ये पौधे पाला सहन कर सकते हैं। ये आमतौर पर सर्दियों में मर जाते हैं और वसंत में पुनः उग जाते हैं। इस बारहमासी पौधे में बहुत सुगंधित, छोटे, बैंगनी, गुलाबी या सफेद फूल आते हैं। इन पौधों में ऐसी सुगंध होती है कि जहाँ इन्हें उगाया जाता है ये पूरा दिन बगीचे या घर में अपनी सुगंध फैलाते रहते हैं। यहूदी उपासनागृह की फर्श पर अक्सर पुदीना बिखेर दिया जाता है ताकि प्रत्येक कदम पड़ते ही इसकी खुशबू फैलती रहे। पुदीने को आतिथ्य और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
पाक एवं पोषण संबंधी गुण
पुदीने के ताज़गी भरे गुण चिरकाल से ज्ञात हैं। इस जड़ी-बूटी का उपयोग पूरे इतिहास में न केवल साँस को ताज़ा करने के लिए किया गया है, बल्कि पेट और पाचन संबंधी विकारों के इलाज के लिए भी किया गया है। ताज़ा पुदीने को आमतौर पर सूखे पुदीने से अधिक पसंद किया जाता है। जब स्वाद की बात आती है तो पुदीने की पत्तियाँ अद्वितीय होती हैं - वे गर्म, ताज़ा, मीठी होती हैं और इन सबसे ऊपर, वे जीभ पर एक ठंडा स्वाद छोड़ देती हैं। इसके ये गुण, चाय, पेय पदार्थ, जेली, सिरप, कैंडी और आइस क्रीम को एक अनूठा स्वाद प्रदान करते हैं। अपने संवेदी गुणक के अलावा, पुदीने में बहुत अच्छा पोषण गुणक भी होता है! यह प्रोटीन, थायमिन, नियासिन, विटामिन ए, सी, बी6, आयरन, फोलेट, कैल्शियम, ज़िंक, मैग्नीशियम और अन्य खनिजों का अच्छा स्रोत भी है। वज़न घटाने, स्मृति हानि के विरुद्ध, त्वचा की देखभाल से संबंधित मुद्दों और दमा के उपचार के लिए भी पुदीने को बहुत प्रभावी माना जाता है।

गमले में लगा पुदीने का पौधा

पुदीने की चाय
घर के लिए प्राकृतिक ताज़गी प्रदान करने वाला
पुदीना कुछ घरेलू उपचारों के लिए रसायनों की जगह ले सकता है। चीटियाँ पुदीने से घृणा करती हैं। तो, जिन स्थानों पर रसायनों का छिड़काव नहीं किया जाना चाहिए, वहाँ से चीटियों को भगाने के लिए पुदीने के कुछ गुच्छे अच्छी तरह से कारगर होंगे। बेकिंग सोडा के साथ पिसे हुए पुदीने के पत्ते कालीन की अच्छी तरह सफाई में मदद कर सकते हैं। इस मिश्रण को पूरे कालीन पर फैला दें और फिर एक घंटे के बाद साफ़ कर दें। आप अंतर को देख और सूँघ भी पाएँगे! कीड़े, जड़ी बूटियों को खाने और सूँघने से बचते हैं। गीली घास में रखे गए पुदीने के पत्ते, पौधों को नष्ट कर सकने वाले सामान्य कीड़ों को दूर हटाने में मदद करेंगे।
पुदीने के मूल्य और महत्व को एक संगीतकार के शब्दों में अभिव्यक्त किया जा सकता है, जिसने एक बार कहा था, 'विलासितापूर्ण जीवन बारीक विवरणों में विद्यमान होता है.....खाने की मेज़ पर एक कपड़े का नैपकिन और सोने से पहले अपनी तकिया पर पुदीना।’