करी पत्ता: एक बहु-उपयोगी अद्भुत पौधा
करी पत्ता दक्षिण भारत की रसोई जगत का बहुत ही अभिन्न हिस्सा है। तमिल साहित्य में, पहली और चौथी शताब्दी के बीच और कुछ सदियों बाद कन्नड़ साहित्य में इसके उपयोग के साक्ष्य पाए जा सकते हैं। वास्तव में, 'करी' शब्द का मूल शब्द तमिल शब्द 'कारी' है, जो कि 16वीं शताब्दी में मसालेदार सॉस/सालन के लिए इस्तेमाल किया जाता था। आज इसे अक्सर 'करी पत्ता' के रूप में जाना जाता है। यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि, 13वीं शताब्दी के अंत में रिचर्ड द्वितीय के शासनकाल के दौरान, अंग्रेज़ रसोइयों द्वारा करी तैयार करने के साक्ष्य भी मजूद हैं!

ताज़ा करी पत्ते

करी पत्ते का पेड़
करी पत्ते का एक छोटा सा पेड़ लगभग 6 मीटर तक बढ़ जाता है, और यह पौधा अपने समृद्ध हरे-भरे पत्तों के लिए जाना जाता है। यह पेड़ संयुक्त पत्तियों से भरा हुआ होता है (एक पत्ती की डंडी के दोनों ओर भी पत्तियाँ निकली होती हैं)। जब आप एक फलते-फूलते करी पत्ते के पेड़ के पास से गुजरते हैं, तो उसकी समृद्ध, मसालेदार और सुगंधित खुशबू आपको लुभा लेती है। यह पेड़, हिमालय को छोड़कर, पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है, हालाँकि यह तेज हवाओं में मजबूती से टिक नहीं पाता है। तेज हवाओं की स्थिति में इसकी शाखाएँ मुड़कर टूट जाती हैं। करी पत्ता का पौधा नीबू वंश (सिट्रस) परिवार का है और इसमें छोटे सुगंधित सफ़ेद फूल पैदा होते हैं जो छोटे, काले, बेर जैसे फल बन जाते हैं। फल खाने योग्य होता है, लेकिन इसका बीज ज़हरीला होता है और इसको फल के इस्तेमाल के पहले हटा देना चाहिए। करी पत्तों का उपयोग ज्यादातर ताज़ा ही किया जाता है - लेकिन उन्हें सुखाकर, पाउडर बनाकर रखा भी जा सकता है। वास्तव में, पुराने अच्छे दिनों में घरों के पीछे आँगन में करी पत्ते का पौधा उगाना जरूरी होता था।

करी पत्ते का फूल

करी पत्ते का फल
पारंपरिक दक्षिण भारतीय पाक-शास्त्र में, भोजन के नियत स्वाद, सुगंध और प्रस्तुति के पीछे का प्रमुख रहस्य मुख्य रूप से करी पत्ता ही होता है। जब भारतीय और श्रीलंकाई लोग यात्रा करने लगे और विदेश जाने लगे, तो करी पत्ता भी उनके साथ यात्रा करने लगा। करी पत्ते विदेशी बाजारों में भी दिखाई देने लगे और कुछ ही समय में इन्हें अन्य व्यंजनों में भी अपना लिया गया।
इसके ढेरों उपयोग
करी पत्ता एक बारहमासी पौधा है - यह जंगलों के वातावरण में लगभग 2 वर्षों तक जीवित रह सकता है। पत्तियों के साथ-साथ इसकी ताज़ी-नरम टहनियाँ भी खाने योग्य होती हैं। इस पौधे से निकलने वाली तेज गंध कीट-पतंगों को बगीचे से बाहर कर देती है। इस पौधे के फूलों का उपयोग व्यावसायिक रूप से भी किया जाता है - जैसे, सूखे फूलों की सजावट, गुच्छा बनाने, पुष्पमाला बनाने, और खाने की सजावट में भी इसका इस्तेमाल होता है। इसकी पत्तियों को निश्चित रूप से खाने की सजावट करने में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार, पत्ते खाना बनाने में इस्तेमाल होने के साथ-साथ भोजन की प्रस्तुति का भी एक हिस्सा होते हैं।
करी पत्तों से बने एक विशेष व्यंजन की रेसिपी
एक कप भर ताज़ा करी पत्ते (अच्छी तरह से धोए हुए)
आधा कप कसा हुआ नारियल
2 हरी मिर्च
राई (सरसों के बीज) - 1 चम्मच
चीनी - एक चुटकी
तेल - 1 बड़ा चम्मच
नमक स्वादानुसार
बस राई को गर्म तेल में तड़कने दें। पैन को आँच से उतार लें और इसमें करी पत्ते डालें। इन सब को अच्छी तरह से मिला लें। इस मिश्रण के ठंडा हो जाने पर, इसे नारियल, हरी मिर्च, नमक और चीनी के साथ, ग्राइंडर में डालें। थोड़ा सा पानी इस्तेमाल करते हुए इसे अच्छी तरह से पीस लें और बस हो ग तैयार! रोटी, चावल, डोसा या इडली, सभी के साथ के लिए एक बेहतरीन चटनी।
