अमचूर: एक तीख़ा खट्टा मिश्रण!
"फलों का राजा", आम, हजारों सालों से उपलब्ध रहा है। आम दक्षिण-पूर्व एशिया का देशीय पौधा है। कुछ का यह भी मानना है कि इसका वास्तविक घर भारत है। इसका वानस्पतिक नाम मैंजीफ़ेरा इंडिका भी इस बात की ओर इशारा करता है। नियमित फल के रूप में सेवन करने के अतिरिक्त, इसके कई अन्य उपयोग भी हैं। इसका ऐसा ही एक उपयोग चूर्ण के रूप में होता है। धूप में सुखाया हुआ हरा आम चूर्ण, अमचूर के नाम से जाना जाता है।

भारत में आम के पेड़ सब जगह दिखाई देते हैं। इसके पत्तों का धार्मिक महत्व होता है।
अमचूर नाम दो हिंदी शब्दों से बना है – ‘अम’ का अर्थ है आम और ‘चूर’ का अर्थ है चूर्ण। यह हरे आमों को सुखाकर तथा चूर्ण के रूप में पीसकर तैयार किया जाता है। आमों को तोड़ने के बाद, उन्हें छीलकर, पतली-पतली फाँकों में काट लिया जाता है और धूप में सुखाया जाता है। आम की सूखी फाँकें, धीरे-धीरे हल्के भूरे रंग की हो जाती है तथा लकड़ी की छाल की तरह दिखने लगती हैं, और ये बाजार में भी बिकती हैं। फ़िर भी, स्वाद और दिखावट को ठीक करने के लिए, इन फाँकों को महीन चूर्ण बनाने के लिए संसाधित किया जाता है। अच्छी गुणवत्ता वाला अमचूर बारीक पिसे हुए चूर्ण और थोड़े रेशेदार संघटनों का मिश्रण होता है। संसाधित चूर्ण प्रायः हल्के बिस्कुटी रंग का होता है। स्वाद में यह मसाला थोड़ा मीठा और अम्लीय होता है।

आम से लदी हुई एक शाखा

सूखे हुए हरे आम की फाँकें
खेती
चूँकि आम भारत का राष्ट्रीय फल है, इसलिए हम भारतीय इसे अपना मानते हैं! यहाँ तक कि हमारे ग्रंथ भी इस फल के बारे में लोककथाओं और वर्णनों से भरे पड़े हैं। इसलिए, आम के पेड़ प्रायः हर जगह देखे जाते हैं। आम के पेड़ की जीवन-अवधि बहुत लंबी होती है। वे लगभग 100 फ़ीट तक बढ़ सकते हैं तथा 300 साल बाद भी फल दे सकते हैं! उनके फूलों के मौसम के दौरान, वे देखने लायक होते हैं। हालाँकि, तथ्य यह है कि केवल 1% से भी कम फूल फल में बदलते हैं। फलों को हाथ से तोडना पड़ता है। अमचूर आम के फल से बने उत्पादों में से एक है। इसलिए, आम के पेड़ की खेती जितनी अच्छी होगी, फल की गुणवत्ता उतनी ही अच्छी होगी और अंततः अमचूर भी उतना बढ़िया बनेगा।

फूलों से लदा हुआ आम का पेड़

अमचूर चूर्ण
उपयोग
अमचूर खाने में अनोख़ा स्वाद जोता है। यह व्यापक रूप से खाना पकाने और उसमें डाले जाने मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें नींबू जैसा खट्टापन होता है और यह भोजन को मीठा और खट्टा दोनों स्वाद देता है। भारतीय और एशियाई व्यंजनों में बहुत लोकप्रिय, यह आम का मौसम नहीं होने पर बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। इसे व्यस्क और बच्चे दोनों काफ़ी पसंद करते हैं। कई बार इसे भोजन के ऊपर सजावट के लिए भी छिड़का जाता है। पौष्टिक रूप से, इसमें विटामिन ए, ई और सी, तथा ऑक्सीकरण रोधी तत्त्व भी होते हैं। अमचूर के कई औषधीय लाभ भी हैं। यह पाचन में मदद करता है, और इसलिए, कई आयुर्वेदिक दवाओं को तैयार करने में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह मधुमेह और कैंसर का भी प्रभावपूर्ण ढंग से उपचार करता है। अमचूर चूर्ण में लौह की मात्रा अधिक होती है और यह गर्भवती महिलाओं के लिए लाभप्रद होता है। अमचूर पाचन के लिए भी अच्छा होता है और ऐसिडिटी/अम्लता को रोकने में मदद करता है।
अमचूर, मसाले और एक स्वास्थ्य वर्धक वस्तु, दोनों रूप में हमारे लिए उपलब्ध है!