लक्षद्वीप की रसोई: समुद्र, एक थाली पर
लक्षद्वीप, 36 द्वीपों का एक समूह, केरल के तट पर स्थित है। मलयालम और संस्कृत में "लक्षद्वीप" का शाब्दिक अर्थ "एक हज़ार द्वीप" है। इस द्वीपों के समूह में से केवल 10 ही आबाद हैं और केवल कुछ को ही पर्यटकों को देखने की अनुमति प्राप्त है । बसे हुए द्वीपों में अगत्ती, कल्पनी, कदमत, किलातन, चेतलाट, अमिनी, बिट्र्रा, आन्द्रोत, मिनिकॉय और कवारत्ती (राजधानी) शामिल हैं। अपने साफ़ नीले पानी और सरल जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध, भारत का यह केंद्र शासित प्रदेश, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करने में कभी विफल नहीं होता है।
प्रवासन का इतिहास: केरल का सांस्कृतिक प्रभाव
स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, लक्षद्वीप पर सबसे पहले वे लोग आकर बसे थे जो एक चेरा राजा की तलाश में एक अभियान पर थे। आन्द्रोत ,कवारत्ती, कल्पनी, अमिनी और अगाथी को सबसे पहले बेस हुए कुछ द्वीप माना जाता है । कहा जाता है कि लक्षद्वीप के पहले कुछ द्वीपवासी मूल रूप से निकटवर्ती राज्य केरल से थे । कहा जाता है कि 7वीं शताब्दी में उबैदुल्ला नामक एक अरब संत ने सबसे पहले अमिनी में कदम रखा और धीरे-धीरे इस्लाम का प्रचार करने हेतु वे निकट द्वीपों की ओर बढ़े। आज अधिकांश द्वीपवासी इस्लाम में विश्वास करते हैं और धर्म ने परंपराओं और सांस्कृतिक प्रथाओं, जैसे उनका खान-पान भी प्रभावित किया है।
केरल राज्य से इन द्वीपों की निकटता उनकी संस्कृति और परंपराओं, विशेष तौर पर उनकी पाकशैली में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है। लक्षद्वीप की पाकशैली केरल की मालाबार रसोई से अत्यधिक प्रभावित है, विशेषकर उनके व्यंजनों में प्रयोग किया जाने वाला नारियल का तेल और करी पत्तियों का स्वाद। इन द्वीपों पर रहने वाले समुदाय विशेष रूप से केरल के व्यंजन जैसे इडली, डोसा, अवियल, बिरयानी और प्रसिद्ध मालाबार परोटा को पसंद करते हैं।
भूगोल और विशेषताएँ
चावल, दैनिक आहार का एक मुख्य भाग है । हालांकि इस पाकशैली में कई शाकाहारी व्यंजन शामिल हैं, लेकिन भौगोलिक स्थिति के कारण समुद्री भोजन के उपयोग का प्रभुत्व है। इन द्वीपों की समुद्री भोजन विशेषताओं में मछली के व्यापक उपयोग से लेकर, विशेष रूप से टूना , केकड़ों और यहाँ तक कि बेबी ऑक्टोपस तक शामिल है। इन द्वीपों के व्यंजन अद्वितीय हैं, और पारंपरिक मसालों के साथ भोजन को समुद्र की ताज़गी का एहसास प्रदान करते हैं। इन द्वीपों में नारियल के पेड़ प्रचुर मात्रा में हैं क्योंकि द्वीप की मिट्टी उनके बढ़ने के लिए अनुकूल है। इसके परिणामस्वरूप, नारियल का उपयोग इन द्वीपों में तैयार किए गए अधिकांश व्यंजनों में किया जाता है। उदाहरण के लिए, तरकारी बनाने के लिए नारियल का दूध, खाना पकाने के लिए नारियल का तेल आदि। पेय पदार्थों में, नारियल पानी सबसे लोकप्रिय है। करी पत्ता भी अधिकतर व्यंजनों में उपयोग होने वाली एक आम सामग्री है। द्वीपवासियों द्वारा उत्पादित सिरका और गुड़ भी इनकी रसोई का एक अहम हिस्सा होते हैं ।
मिनिकॉय: एक विशिष्ट द्वीप
सभी आबाद द्वीपों में बिट्र्रा सबसे छोटा द्वीप है, और मिनिकॉय सबसे अलग, जिसकी संस्कृति और परंपरा अन्य द्वीपों से संपूर्णतः अलग है। मालदीव से अपनी भौगोलिक निकटता के कारण मिनिकॉय की पाकशैली मालदीव की पाकशैली से ज़्यादा मिलती-जुलती है। मिनिकॉय द्वीप अपने विभिन्न प्रकार के अल्पाहारों के लिए मशहूर है। फराटा ( आटे, घी और चीनी से बनी एक रोटी जो आमतौर पर नाश्ते में खाई जाती है), टूना फिश फ्राई, मुस कवाब और रयेहेरा (लाल ट्यूना की सब्ज़ी) इस जगह के कुछ लोकप्रिय व्यंजन हैं।
विशेष व्यंजन:
लक्षद्वीप के प्रत्येक द्वीप की अपनी पाक विशिष्टताएँ हैं। इनमें से कुछ लोकप्रिय व्यंजन हैं:
किलंजी-
किलंजी चावल और अंडों से बना एक बेहद पतले चीले जैसा पकवान है, जो नारियल के दूध, केले और गुड़ से बने एक मीठे, तरल व्यंजन के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन आमतौर पर शादियों, या आगंतुकों और अतिथियों के स्वागत जैसे खास मौकों पर तैयार किया जाता है।

किलंजी
मुस कवाब -
एक विशिष्ट मिनिकॉय व्यंजन , मुस कवाब मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, भुनी हुई प्याज़ के साथ इलायची, करी पत्ते और टमाटर से बनी एक मसालेदार ट्यूना तरकारी है। यह स्वादिष्ट, मसालेदार ट्यूना तरकारी चावल के साथ सबसे अधिक पसंद की जाती है।
ऑक्टोपस फ्राई-
यह व्यंजन लक्षद्वीप पाकशैली की एक खास विशेषता है क्योंकि भारत के बाकी हिस्सों में ऑक्टोपस का सेवन अक्सर नहीं किया जाता है। लक्षद्वीप उन कुछ स्थानों में से एक है जहाँ ऑक्टोपस भोजन का एक परिचित हिस्सा है। तला हुआ कुरकुरा ऑक्टोपस इन द्वीपों का एक लोकप्रिय पकवान है।
मास पोडिचातु-
यह व्यंजन सूखे टूना से बनती है जिसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर नारियल, हल्दी पाउडर, प्याज़ और लहसुन के साथ मिलाया जाता है। इसे चावल के साथ अतिरिक्त व्यंजन (साइड डिश) के तौर पर परोसा जाता है।
बाटला अप्पम -
बाटला अप्पम आन्द्रोत द्वीप के निवासियों के बीच एक लोकप्रिय मीठा पकवान है। यह व्यंजन दक्षिण भारत की लोकप्रिय ‘इडली’ से मेल खाता है। इसे तैयार करने की तकनीक भी उसके जैसी ही है परंतु सामग्री पूरी तरह से अलग है। भाप में पकाया गया यह मीठा पकवान अंडे, आटे, चीनी और इलायची का उपयोग कर के त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों पर बनाया जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने के कारण लक्षद्वीप के द्वीपों की पाक संस्कृति प्रभावित हुई है। आज, आगंतुकों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए रेस्तरां और अन्य भोजनालय कोरियाई और महाद्वीपीय विशेषताओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रस्तुत करते हैं। उत्तम स्वाद, ताज़गी और भारतीय मसालों में पकाए गए लक्षद्वीप के ये व्यंजन अद्वितीय हैं। वास्तव में यह द्वीपसमूह समुद्री भोजन प्रेमियों के लिए स्वर्ग है!