Type: तत् वाद्य
येकतार बाँस और लकड़ी से निर्मित एक तार वाद्य यंत्र है। यह प्राचीन वाद्य यंत्र कर्नाटक में पाया जाता है।
Material: बाँस, लकड़ी
येकतार या टुनटुनी, जैसा कि कभी-कभी इसे कहा जाता है, एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसमें केवल एक तार होता है और सारिकाएँ नहीं होती हैं। इसे बाँस के एक टुकड़े से बनाया जाता है, जिसके नीचे एक बड़ी तूमड़ी या लकड़ी का खोखला बेलनाकर टुकड़ा लगा होता है जिसका एक सिरा चर्मपत्र के टुकड़े द्वारा बंद किया जाता है। चर्मपत्र के केंद्र में एक छिद्र होता है, जिसके अंदर से एक तार को डाला जाता है और एक गाँठ में बाँधा जाता है ताकि इसके पृष्ठ भाग की फिसलने से रोका जा सके। येकतार का उपयोग अक्सर भिक्षुकों द्वारा किया जाता है और समय-समय पर उनके समान लय वाले जप की संगत के लिए इसे झंकृत किया जाता है। गाँवों और दक्कन एवं केंद्रीय प्रांतों में देश के जिलों में यह वाद्य यंत्र बहुत लोकप्रिय है। यह किसी प्रकार के ढोल के साथ उपयोग किया जाता है और कलाकार ग्राम रुचि के कुछ सामान्य विषय पर समान लय के संवाद जारी रखते हैं जो कि मौजूद प्रमुख व्यक्तियों के बारे में मज़ाकिया और व्यापक टिप्पणियों से भरा होता है।