Type: सुषिर वाद्य
“तुरही काँसे और पीतल से बना एक वायु वाद्य यंत्र है। यह मंदिर वाद्य यंत्र राजस्थान और उड़ीसा में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से मंदिरों की सेवाओं, शोभायात्राओं, और मंदिर के संगीत में के साथ-साथ पारंपरिक नृत्यों में भी उपयोग किया जाता है।”
Material: काँसा
“इसमें काँसे की लंबी तुरही होती है, इसे दो हिस्सों में बनाई जाती है और इसमें कीपदार मुख होता है। इसमें एक लंबाकार मुखनाल होता है। यह मंदिरों की सेवाओं, शोभायात्राओं, आदि में उपयोग किया जाता है।”