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सिक्किम के लामा नृत्य: बौद्ध मठवासियों के नृत्य

Domain:प्रदर्शन कला

State: सिक्किम

Description:

लामा नृत्य अर्थात मुखौटा नृत्य बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उनकी धार्मिक परंपराओं के रूप में किया जाता है। बौद्ध धर्म के “महायान” मत के महान संत गुरु पद्मशंभव की शिक्षा के अनुसार, ये परंपराएँ सिक्किम की धार्मिक पुस्तकों में संहिताबद्ध हैं। इनके आधार पर, लामा सिक्किम राज्य और बौद्ध धर्म के हित में प्रार्थनाएँ करते हैं। अधिकतर लामा नृत्य मठ के अंदर की जानेवाली प्रार्थनाओं का जनता के लिए सुलभ बनाए हुए बाह्य वर्णन होते हैं। बुराई पर विजय पाकर भूमि और उसके धर्म की रक्षा ही इन प्रार्थनाओं का मूल विषय है। पर, हर-एक प्रार्थना और उससे जुड़ा हुआ नृत्य अन्य प्रार्थनाओं से अलग होता है क्यूँकि वे जनम-मरण के चक्र में फँसे मनुष्यों की भिन्न-भिन्न समस्याओं के हल स्वरूप, अलग-अलग ग्रंथों से ली गयी होती हैं। मूल तिब्बती बौद्ध नृत्य के विपरीत, माउंट कंचनजंगा किसी भी सिक्किमी बौध नृत्य का केंद्र है। लामा नृत्यों में, शास्त्रों के अनुसार बनाई गयीं भव्य पोशाकों और रंग बिरंगे मुखौटों का प्रयोग होता है, साथ ही इसमें संहिताबद्ध धार्मिक संगीत और जाप को प्रस्तुत करते हुए पारंपरिक वाद्य यंत्र जैसे कि झांझ और बड़े सींग भी बजाए जाते हैं।