Domain:प्रदर्शन कला
State: केरल
Description:
"कलरीपायट्टु या कलारी मार्शल आर्ट का एक भारतीय रूप है जिसकी उत्पत्ति तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व आधुनिक केरल में हुई। कलारी प्रशिक्षण हमेशा शरीर की तेल मालिश के साथ शुरू होता है जो कलाकार को लचीला और फुर्तीला बनाने में मदद करता है। इसके बाद प्रशिक्षण की आधारभूत गतिविधियाँ सिखाई जाती हैं, जैसे कि चाट्टम (कूदना), ओट्टम (दौड़ना), मारीचिल (कलाबाजी), अदि (प्रहार), इदी (मुक्का), थादा (रक्षा) और पायट्टु (हमला)।
कलारी के आधारभूत कौशल में निपुणता हासिल करने के बाद विद्यार्थियों को खंजर, तलवार, धनुष और तीर, भाले और गदा जैसे हथियारों का उपयोग करना सिखाया जाता है। कलरीपायट्टु मस्तिष्क और शरीर के पूर्ण समन्वय के तत्त्व-ज्ञान पर आधारित है।”