Domain:प्रदर्शन कला
State: पश्चिम बंगाल
Description:
"वीडियो बंगाल के कोबी गान नामक लोक प्रदर्शन शैली पर एक वृत्तचित्र है। इस लोक कला शैली में, कवि या कोबीवाल एक गीत के रूप में अपने पद्य का प्रदर्शन करते हैं। इसमें दो कवियों के बीच एक शाब्दिक द्वंद्व सम्मिलित है जो तार्किक तर्क वितर्क के आधार पर विशेष विषय पर बहस और विवेचन करते हैं। दोनों, पहले से रचित गीत और तात्कालिक रचनाएं, प्रदर्शन का हिस्सा होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह १८वीं शताब्दी में उभर कर आया था। यह बंगाल की विभिन्न कला शैलियों जैसे तर्जा, पांचाली, टप्पा, कीर्तन, दनरा कविगान, बासा कविगान आदि का सम्मिश्रण था। टप्पा के रूप में जाने जाने वाले गीतों का द्वंद्व एक विषय के तार्किक विश्लेषण पर आधारित होता है और कवि के ज्ञान के साथ-साथ तुकबंदी और लय में उसके कौशल का परीक्षण किया भी होता है। कोबी गान के विषय प्रायः हिंदुओं और मुसलमानों के धार्मिक ग्रंथों से लिए जाते हैं। वर्तमान में कई कोबीवाल हैं जो अभी भी बंगाल के गाँवों में इस अद्वितीय लोक शैली को समृद्ध कर रहे हैं।”