घिला पीठा
घिला पीठा असम में माघ बीहू के त्योहार के दौरान बनाए जाने वाला एक नाश्ता है। यह रोज़ के घरेलू नाश्ते के रूप में भी तैयार किया जाता है और इसे चाय के साथ खाया जाता है। घिला पीठा को तेल पीठा के नाम से भी जाना जाता है।
पाक शैली: | असमी |
कुल समय: | 45 मिनट |
तैयारी का समय: | 25 मिनट |
पकाने का समय: | 20 मिनट |
बनते हैं: | 15 - 20 पीठे |
सामग्री
2 कप: | चावल का आटा (इस व्यंजन में पारंपरिक रूप से बोरा किस्म के चावल से बने आटे का उपयोग किया जाता है, यदि वह उपलब्ध नहीं है तो बाज़ार में उपलब्ध आम चावल के आटे का भी उपयोग किया जा सकता है) |
1 कप: | सूजी |
आधा कप: | गुड़ (या चीनी) |
1 कप: | गुनगुना पानी (गुड़ को घोलने के लिए) |
सरसों का तेल या रिफाइंड तेल (डुबा के तलने के लिए पर्याप्त होना चाहिए)

विधि
चावल का आटा तैयार करना:
- 2 कप चावल को एक बड़े बर्तन में 4 से 5 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
- पानी निकाल दें और गीले चावल को किसी अखबार या सूखे कपड़े पर फैला दें और सूखने दें।
- चावल के सूख जाने पर इसे पीसकर बारीक पाउडर तैयार कर लें।
- आटे को निकालिए और उसे एक बार और छलनी से छान लें जिससे और ज़्यादा महीन आटा मिल सके।
इसकी जगह बाज़ार में उपलब्ध तैयार चावल के आटे का भी उपयोग किया जा सकता है।
पीठा बनाने की विधि
- सबसे पहले एक बड़े कटोरे में गुड़ को गुनगुने पानी में मिला लें। गुड़ को पानी में घुलने तक मिलाएँ।
- गुड़ के मिश्रण में चावल का आटा डालें। अच्छी तरह मिलाकर आटा गूंथ लें। सूजी डालें। यदि आवश्यक हो तो और पानी डालें। आटा बहुत सख़्त या पतला नहीं होना चाहिए।
- आटे को 15 मिनट के लिए अलग रख दें।
- एक गहरी कड़ाही में तेल गरम करें।
- आटे की छोटी-छोटी लोइयाँ बनाकर उन्हें हाथों से चपटा कर लें।
- आटे की लोई को गरम तेल में डालें। सुनहरा भूरा होने तक तलें। एक बार में 4-5 लोइयाँ तल लें।
- तलने के बाद एक कागज़ के रुमाल पर रखें ताकि वह अतिरिक्त तेल सोख ले।
चाय के साथ परोसें।