मुंबई स्ट्रीट फ़ूड: ज़िंदादिल ख़ाना
शहरी भारत की सड़क संस्कृति एक बहु-संवेदी अनुभव है। यह वही जगह है जहाँ पर चलना, बातें करना, दौड़ना, सोना, पढ़ना, दाढ़ी बनाना, सफाई करना, काम करना, मिलना, खरीदना, बेचना, खाना बनाना और खाना जैसे रोज़मर्रा के कामों के साथ जीवन आगे बढ़ता रहता है। सड़क सामाजिक मेलजोल और शहरी जीवन के अनुभव के लिए अद्वितीय स्थान प्रदान करती है। इसी तरह, मुंबई शहर की सड़कें भारत में शहरी जीवन के सर्वश्रेष्ठ अनुभव के लिए भव्य और गतिशील संभावनाएँ प्रस्तुत करती हैं। वास्तव में, यह शहर हमेशा ही दौड़ता भागता रहता है; यह जीवन और ज़िंदादिली से भरा हुआ है। सुबह के चार बजे भी समुद्र के किनारे पर शहर के लोगों को स्वस्थ और भला-चंगा और जीवन का पूरा आनंद लेते हुए देखा जा सकता है।

मुंबई की हलचल भरी सड़कें
मुंबई शहर को भारत के सबसे अधिक बहुसांस्कृतिक महानगरों में से एक माना जा सकता है और यहाँ पर पूरे भारत के लोग अपनी किस्मत आज़माने के लिए आते हैं। यह वास्तव में वह जगह है जहाँ पर अनगिनत प्रवासियों के सपने बनते और बिखरते रहते हैं। एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता और पटकथा लेखक ने शहर को "संघर्ष, जीवन शक्ति, आशा, कुछ बनने की आकांक्षा, कुछ भी" कह कर संबोधित किया है। व्यापार, फ़िल्म और विज्ञापन जगत के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में प्रसिद्ध यह मुंबई शहर, जैकपॉट जीतने की तलाश में आए लोगों के लिए शानदार संभावनाएँ प्रदान करता है। इसलिए, ज़रा भी आश्चर्य नहीं होता है कि यह शहर रोमांचक ऊर्जा और जीवंतता से हमेशा ही ग़ुलज़ार रहता है। इस भावना को सबसे अधिक तीव्रता से यहाँ की सड़कों पर अनुभव किया जा सकता है। और कई चीज़ों के अलावा, मुंबई की सड़कें अनगिनत पौष्टिक व्यंजन भी परोसती हैं।
भारतीय संदर्भ में, सार्वजनिक भोजन की सबसे प्रारंभिक परंपरा के बारे में मुग़ल काल के दौरान पनपे कारवांसराय से पता लगाया जा सकता है, जिसे ख़ान भी कहा जाता था। थके हुए यात्रियों को भोजन और पेय उपलब्ध कराने के लिए इन कारवांसरायों को शहरों और कस्बों में स्थापित किया जाता था और ये अक्सर जीवंत स्थल हुआ करते थे, जहाँ पर स्वादिष्ट बना-बनाया ख़ाना परोसा जाता था। आज के दौर में सड़क के कोनों पर मौजूद भोजन विक्रेताओं और ठेले पर भोजन बेचने वालों को कारवांसराय की भावना को आगे बढ़ाने वाला कहा जा सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप में भोजन की खपत का ऐसा सार्वजनिक रूप काफ़ी लंबा सफर तय कर चुका है।

स्ट्रीट फ़ूड इस शहर की बड़ी और विविध आबादी के ख़ान-पान की आवश्यकता को पूरा करता है, छवि स्रोत: फ़्लिकर

तेल में सिंकती आलू-टिक्की, छवि स्रोत: फ़्लिकर
स्ट्रीट फ़ूड की बात करें तो मुंबई एक लोकप्रिय गंतव्य है। कुछ स्ट्रीट फ़ूड व्यंजनों ने मुंबई की जनता की कल्पना को इस कदर कैद कर लिया है कि इस शहर को उनके द्वारा पहचाना जाने लगा है, जैसे यहाँ की प्रतिष्ठित भेलपुरी या वड़ा-पाव। इसलिए, जब भी कोई यात्री मुंबई जाता है, तो इस बात की पूरी उम्मीद की जाती है कि वह चौपाटी समुद्र तट पर मिलने वाली प्रसिद्ध भेलपुरी का स्वाद ज़रूर लेगा। इस शहर की स्ट्रीट फ़ूड सभ्यता को कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों, छात्रों, दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों, व्यापारियों और आबादी के अन्य विस्तृत समूहों द्वारा अपनाया गया है। भंडारण, नियमित जल आपूर्ति, व्यवस्था, पुलिस की निगरानी और मौसम जैसी समस्याओं का लगातार सामना करने के बावजूद स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं द्वारा सड़कों पर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की पेशकश की जाती है।
वड़ा-पावमेंवड़ा औरपाव शामिल होते हैं।वड़ा, उबले आलू का मसालेदार गोला होता है जिसे बेसन के घोल में लपेटकर और तलकर बनाया जाता है, और इसे पाव नामक बन के बीच में दबाकर परोसा जाता है। पाव के बीच में वड़े को दबाने से पहले एक तीखी लहसुन और लाल मिर्च की सूखी चटनी लगाई जाती है। वड़ा-पाव को तली हुई हरी मिर्च के साथ परोसा जाता है। यह मुंबई का सबसे प्रसिद्ध नाश्ता है। इसे रेलवे स्टेशनों, स्कूलों, अस्पतालों, कॉलेजों, कार्यालयों के सामने, सड़क के कोनों और पार्कों में विक्रेताओं द्वारा बेचा जाता है। यह सस्ता, स्वादिष्ट और पेट भर देने वाला नाश्ता मुंबई की जनता द्वारा बड़े प्रेम से खाया जाता है। अधिकांश स्ट्रीट फ़ूड्स की तरह ही वाडा-पाव एक सुविधाजनक-भोजन है, जो लोगों को पोषण और आराम दोनों प्रदान करने की भूमिका को पूरा करता है। मुंबई का एक और स्ट्रीट फ़ूड है - भेलपुरी। यह इस सपनों के शहर की सड़कों के साथ बहुत ही घनिष्टता से जुड़ा हुआ है। बॉलीवुड के एक लोकप्रिय गाने के बोल इस प्रकार हैं: "मैं तो रस्ते से जा रही थी, मैं तो भेलपुरी ख़ा रही थी"। इस गीत में इस व्यंजन के बारे में दिया गया यह अनौपचारिक और सामयिक संदर्भ महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इसको सड़क पर होने वाली दैनिक गतिविधियों से सीधे तौर पर जोड़ता है। पाव-भाजी विशिष्ट रूप से एक मुंबईया स्ट्रीट स्नैक (सड़क पर मिलने वाला नाश्ता) है। यह स्वादिष्ट नाश्ता मसालों और मक्खन के साथ पकी हुई मिश्रित सब्जियों से बनाया जाता है जिसे भाजी कहते हैं। यह मक्खन में तर नरम बन या पाव के साथ परोसा जाता है।

भेलपुरी

वड़ा पाव ,छवि स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स
बॉम्बे स्ट्रीट सैंडविच इस शहर को परिभाषित करने वाला नाश्ता है, जिसे भोजन के सभी शौकीनों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। एक वेजिटेबल सैंडविच बनाने के लिए सफ़ेद ब्रेड की दो स्लाइसों पर प्रचुर मात्रा में मक्खन लगाया जाता और फिर उनके बीच में चुकंदर, खीरे, उबले आलू, टमाटर और प्याज की फाँकें लगाई जाती हैं। इसके बाद इसे सैंडविच मेकर में मजबूती से दबाया जाता है और खुली आँच पर सेंका जाता है। इस सिंके हुए सैंडविच को अंततः पुदीने और धनिया की चटनी के साथ परोसा जाता है। मुंबई के कुछ सबसे अच्छे स्ट्रीट सैंडविच फ़ोर्ट में, काला घोड़ा क्षेत्र में, परोसे जाते हैं। मिसल-पाव में मिसल, आलू, चिवड़ा मिक्स, फ़रसान या सेव और प्याज़ के साथ परोसी जाने वाली अंकुरित मोठ की मसालेदार तरी होती है। इस मिश्रण को धनिया से सजाकर और इस पर नींबू निचोड़ कर परोसा जाता है। पाव नरम होता है और उस पर खूब सारा मक्खन लगाया जाता है।
इस शहर में कुछ लोकप्रिय गलियाँ हैं जो भोजन प्रेमियों द्वारा खाऊ गली या "ट्रीट लेन" के रूप में निर्धारित की गई हैं। खाऊ एक मराठी शब्द है जिसका अर्थ होता है 'दावत' और इन खाऊ गलियों में देश के हर कोने का शानदार और नवीन स्ट्रीट फ़ूड पेश किया जाता है। चर्चगेट में स्थित न्यू मरीन लाइन्स में एक खाऊ गली है जो एस.एन.डी.टी. महिला विश्वविद्यालय से लेकर क्रॉस मैदान तक फैली हुई है। यहाँ पर छात्र और कार्यालय कर्मचारी सबसे बेहतरीन बॉम्बे सैंडविच और फ्रैंकीज़ पाने के लिए धक्कम-धक्का करते पाए जाते हैं। बॉम्बे-सैंडविच एक अति उत्कृष्ट स्ट्रीट फ़ूड है। इसमें चीज़, मसाले और चटनी को मिलाकर लगाया जाता है और फिर इसे टोस्ट किया जाता है। फ्रेंकी एक अन्य अनूठा मुंबई स्ट्रीट फ़ूड है। यह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के भरावन को लपेट कर बनाए गए रोल होते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सी.एस.एम.टी.) में स्थित खाऊ गली में लगे भोजन के स्टॉलों में देश भर के व्यंजन मिलते हैं, जैसे कि महाराष्ट्र के, तमिलनाडु के, या पंजाब के। यह शहर के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र, ऐतिहासिक फ़ोर्ट क्षेत्र के करीब है, जो औपनिवेशिक शैली के भव्य कार्यालय भवनों, से लेकर खुदरा दुकानों और सड़क के स्टालों तक सब कुछ प्रस्तुत करता है। इसलिए, यह खाऊ गली कार्यालय कर्मचारियों और इस अद्भुत औपनिवेशिक विरासत और धरोहर वाली वास्तुकला की खोज करने वाले पर्यटकों के लिए एक सुविधाजनक भोजन का पड़ाव बन जाता है। यह शहर के प्रमुख स्ट्रीट फ़ूड गंतव्यों में से एक है। पाव-भाजी और वड़ा-पाव यहाँ के मुख्य आकर्षण बिंदु होते हैं। पाव-भाजी का आविष्कार कथित रूप से कैनन पाव भाजी रेस्तरां में हुआ है, जो इस विशेष खाऊ गली में स्थित है।

मिसल पाव, छवि स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स

तैयार किए जा रहे कबाब, छवि स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स
शहर के उत्तरी भाग में स्थित बोरीवली पश्चिम में खाऊ गली सरदार वल्लभभाई पटेल रोड पर स्थित है। यह पिज्ज़ा सेव-पुरी या बाहुबली सैंडविच जैसी अनूठी स्ट्रीट फ़ूड रचनाओं का केंद्र है। मुंबई का सबसे वास्तविक आभूषण है ट्रेंडी और बहुत ही शानदार बांद्रा, जहाँ कार्टर रोड स्थित खाऊ गली में स्ट्रीट फ़ूड स्टॉल, खाने के शौकीनों के लिए सब कुछ पेश करते हैं। दक्षिण मुंबई में मीनारा मस्जिद के पास स्थित मोहम्मद अली रोड पर, मांसाहारियों और मुग़लई भोजन के शौकीनों के लिए उत्कृष्ट और स्वादिष्ट मांसाहारी भोजन मिलता है, विशेष रूप से रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान। लोगों को यहाँ पर कबाब और कीमा जैसे 400 से अधिक मांसाहारी व्यंजन तथा खीर और मालपुआ जैसी लगभग 100 मिठाइयाँ साल भर मिलती हैं। घाटकोपर खाऊ गली वल्लभबाग लेन एक्सटेंशन में स्थित है और इस जगह पर शाकाहारी लोग डोसा और चीज़ ग्रिल्ड सैंडविच जैसी स्वादिष्ट चीज़ों को पा सकते हैं। चीज़ ग्रिल्ड सैंडविच में चीज़ के ब्लॉक को कसकर बहुत अधिक मात्रा में चीज़ डाला जाता है और सैंडविच में टमाटर, प्याज और शिमला मिर्च भरा जाता है। इस खाऊ गली में डोसा की कुछ किस्मों में थाउज़ेंड आइलैंड डोसा, आइसक्रीम डोसा और चीज़ बर्स्ट डोसा शामिल हैं।
मुंबई के सबसे बड़े थोक बाज़ार क्रॉफ़र्ड मार्केट के पास, प्रिंसेस स्ट्रीट खाऊ गली में भुक्कड़ और पेटू ख़रीददार डटकर खा सकते हैं। इस खाऊ गली में प्रसिद्ध स्ट्रीट फ़ूड आकर्षण यहाँ पर मिलने वाला बर्फ़ हलवा है। मरीन लाइन्स स्टेशन के पास झवेरी बाजार खाऊ गली शहर के किफ़ायती स्ट्रीट फ़ूड गंतव्यों में से एक है। इस खाऊ गली के पार मंगलदास मार्केट खाऊ गली है। इन खाऊ गलियों में मिलने वाले नाश्तों में गुजराती स्वाद होता है और इसमें पुडला, मूंग-दाल फ्राई, कचौरी, पापड़ी-चाट जैसी लोकप्रिय चीजें शामिल हैं। ख़रीददारी के शौकीनों के बीच, सांताक्रूज़ न केवल इस शहर में ख़रीददारों के लिए एक आश्रय स्थल है, बल्कि यह स्ट्रीट फ़ूड के शौकीनों के लिए भी सबसे उत्तम स्थान है। चाट, पानी-पुरी, या सेव-पुरी जैसे लोकप्रिय स्ट्रीट फ़ूड व्यंजनों से लेकर आलू-रगड़ा-पैटिस तक, सांताक्रूज खाऊ गली में यह सब मिलता है। यहाँ पर मक्खन के बड़े टुकड़ों के साथ बनाई गई मुँह में पानी ले आने वाली चीज़ दाबेली से लेकर, तरो-ताज़ा कर देने वाला फ़ालूदा शेक, फ़्यूज़न व्यंजनों में सर्वश्रेष्ठ - चाइनीज़ डोसा और शहर के सर्वोत्कृष्ट आलू मसाला चीज़ टोस्ट के अलावा अन्य विचित्र नाश्ते भी मिलते हैं। मुंबई में कई अन्य खाऊ गलियाँ हैं जो ख़ाने के परम प्रेमियों के क़दमों का इंतजार कर रही हैं। यह शहर पैमाने और परिकल्पना की दृष्टि से भव्य है, और यह भावना मुंबई की समग्र संस्कृति में अच्छी तरह से परिलक्षित होती है, विशेष रूप से इन गलियों और सड़कों पर मिलने वाले चमकते-दमकते भोजन में।